माध्यमिक शिक्षा से मांगा टीईटी 2011 का बचा पैसा
लखनऊ (ब्यूरो)। राज्य सरकार ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को टीईटी-2011 का बचा पैसा परीक्षा नियामकप्राधिकारी इलाहाबाद को देने के लिए कहा है। इस संबंध में शासन स्तर से गुरुवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक बासुदेव यादव को पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि बचा पैसा शीघ्र वापस कर दिया जाए, ताकि टीईटी- 2012 की तैयारियां शुरू कराई जा सकें। राज्य सरकार ने इस बार टीईटी कराने की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद को सौंपी है। टीईटी के लिए 10 अक्तूबर तक विज्ञापन निकालने के साथ 25 अक्तूबर तक आवेदन लिए जानेकी तैयारी है।
यूपी में वर्ष 2011 में पहली बार टीईटी आयोजित कराई गई थी। तत्कालीन बसपा सरकार ने इसे कराने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा परिषद को दी थी। टीईटी के लिए करीब 14 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। सामान्य और पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों से 500 रुपये और अनुसूचित जाति व जनजाति के अभ्यर्थियों से 250 रुपये परीक्षा शुल्क लिया गया था।
लखनऊ (ब्यूरो)। राज्य सरकार ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को टीईटी-2011 का बचा पैसा परीक्षा नियामकप्राधिकारी इलाहाबाद को देने के लिए कहा है। इस संबंध में शासन स्तर से गुरुवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक बासुदेव यादव को पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि बचा पैसा शीघ्र वापस कर दिया जाए, ताकि टीईटी- 2012 की तैयारियां शुरू कराई जा सकें। राज्य सरकार ने इस बार टीईटी कराने की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद को सौंपी है। टीईटी के लिए 10 अक्तूबर तक विज्ञापन निकालने के साथ 25 अक्तूबर तक आवेदन लिए जानेकी तैयारी है।
यूपी में वर्ष 2011 में पहली बार टीईटी आयोजित कराई गई थी। तत्कालीन बसपा सरकार ने इसे कराने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा परिषद को दी थी। टीईटी के लिए करीब 14 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। सामान्य और पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों से 500 रुपये और अनुसूचित जाति व जनजाति के अभ्यर्थियों से 250 रुपये परीक्षा शुल्क लिया गया था।
No comments:
Post a Comment